OpenAI के भविष्य पर छिड़ी जंग: एलन मस्क के मुकदमे

OpenAI के भविष्य पर छिड़ी जंग: एलन मस्क के मुकदमे

शुक्रवार को एक बड़ी खबर सामने आई जब ओपनएआई (OpenAI) के एक दर्जन पूर्व कर्मचारियों ने अमेरिका की एक संघीय अदालत में एक कानूनी दस्तावेज दाखिल किया। इस दस्तावेज में उन्होंने कंपनी के सह-संस्थापक एलन मस्क के उस मुकदमे का समर्थन किया है, जिसमें ओपनएआई को गैर-लाभकारी (नॉन-प्रॉफिट) संस्था के रूप में बनाए रखने की मांग की गई है। यह मामला अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया की इस बड़ी कंपनी के भविष्य को लेकर चल रहे विवाद का नया मोड़ बन गया है।

क्या है पूरा मामला?

ओपनएआई एक ऐसी कंपनी है जो चैटजीपीटी जैसे AI टूल्स बनाती है। इसकी शुरुआत 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने मिलकर की थी। उस वक्त इसका मकसद था कि AI का विकास इंसानियत की भलाई के लिए हो, न कि सिर्फ पैसे कमाने के लिए। लेकिन अब कंपनी के बड़े अधिकारी इसे बदलना चाहते हैं। वे निवेशकों को कंपनी का नियंत्रण देना चाहते हैं, ताकि ज्यादा पैसा जुटाया जा सके। इस बात से मस्क और कुछ लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि इससे ओपनएआई अपने मूल मिशन से भटक जाएगी।

पिछले साल मस्क, जो टेस्ला कंपनी के मालिक भी हैं, ने ओपनएआई और इसके सीईओ सैम ऑल्टमैन पर मुकदमा ठोक दिया। मस्क का आरोप था कि ओपनएआई अब इंसानियत की बजाय कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए काम कर रही है। ओपनएआई और ऑल्टमैन ने इन आरोपों को गलत बताया है।

पूर्व कर्मचारी क्यों आए सामने?

शुक्रवार को दाखिल कानूनी दस्तावेज में ओपनएआई के 12 पूर्व कर्मचारियों ने कहा कि अगर गैर-लाभकारी संस्था का नियंत्रण हटा दिया गया, तो यह कंपनी के मिशन को पूरी तरह तोड़ देगा। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब वे कंपनी में थे, तब वे तकनीकी और नेतृत्व की बड़ी जिम्मेदारियों पर काम करते थे। उनके मुताबिक, गैर-लाभकारी ढांचा कंपनी की रणनीति का सबसे अहम हिस्सा था।

उन्होंने बताया कि ओपनएआई के बड़े अधिकारी बार-बार कहते थे कि यह ढांचा कंपनी को अपने मकसद पर टिके रहने में मदद करता है। इतना ही नहीं, इस मिशन की वजह से कई लोग कंपनी में काम करने आए। कर्मचारियों ने कहा कि वे खुद भी इस गैर-लाभकारी मिशन से प्रेरित होकर ओपनएआई से जुड़े थे।

ओपनएआई का जवाब क्या है?

दूसरी तरफ, ओपनएआई का कहना है कि उसे निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए यह बदलाव करना जरूरी है। कंपनी का तर्क है कि अगर गैर-लाभकारी संस्था का नियंत्रण हटाया जाता है, तो भी वह ओपनएआई में अपनी हिस्सेदारी रखेगी। जैसे-जैसे कंपनी बढ़ेगी, यह हिस्सेदारी ज्यादा कीमती होगी और गैर-लाभकारी संस्था को अपने मिशन के लिए ज्यादा संसाधन मिलेंगे।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “हमारा बोर्ड साफ कह चुका है कि हमारी गैर-लाभकारी संस्था कहीं नहीं जा रही और हमारा मिशन भी वही रहेगा।”

मस्क और ऑल्टमैन का पुराना रिश्ता

मस्क और ऑल्टमैन ने 2015 में ओपनएआई की नींव रखी थी, लेकिन मस्क कुछ साल बाद कंपनी छोड़कर चले गए। इसके बाद ओपनएआई ने चैटजीपीटी जैसे टूल्स बनाकर टेक्नोलॉजी की दुनिया में नाम कमाया। अब मस्क इस बदलाव के खिलाफ हैं और इसे रोकने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं। दोनों पक्ष अगले साल वसंत में जूरी के सामने अपनी बात रखेंगे।

हाल ही में मस्क ने 2023 में अपनी खुद की AI कंपनी xAI बनाई। ऑल्टमैन का कहना है कि मस्क इस मुकदमे के जरिए ओपनएआई को कमजोर करना चाहते हैं, ताकि उनकी अपनी कंपनी आगे बढ़ सके।

ओपनएआई पर निवेशकों का दबाव बढ़ता जा रहा है। कंपनी को $40 बिलियन (लगभग 3.36 लाख करोड़ रुपये) जुटाने के लिए साल के अंत तक यह बदलाव पूरा करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह डील रुक सकती है।

आगे क्या होगा?

यह मामला अब सिर्फ ओपनएआई की संरचना का नहीं, बल्कि AI के भविष्य का सवाल बन गया है। क्या AI इंसानियत की भलाई के लिए काम करेगी या बड़े कॉर्पोरेट हितों का हिस्सा बन जाएगी? मस्क और उनके समर्थक इसे इंसानियत के लिए लड़ाई मानते हैं, जबकि ओपनएआई का कहना है कि बदलाव के बिना आगे बढ़ना मुश्किल है।

अगले कुछ महीने इस जंग में निर्णायक हो सकते हैं। कटिहार से आपका यह रिपोर्टर इस खबर पर नजर रखेगा और आपको हर अपडेट देता रहेगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *