उत्तर कोरिया ने की GPS के साथ छेड़छाड़, दक्षिण कोरिया की कई प्लेन और जहाज रद्द

उत्तर कोरिया ने की GPS के साथ छेड़छाड़, दक्षिण कोरिया की कई प्लेन और जहाज रद्द

उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया की सीमाओं के पास GPS सिग्नल में बाधा पहुंचाई है। ये घटना लगातार दूसरे दिन हुई, जिससे फ्लाइट्स और जहाजों की आवाजाही में समस्याएं आ रही हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि ये सब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसमें वह अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को दुनिया के सामने लाने के साथ-साथ, दक्षिण कोरिया को मानसिक और साइबर युद्ध के जरिए कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

जी हां, किम जोंग उन ने ना सिर्फ GPS सिग्नल में रुकावट पैदा की है, बल्कि हज़ारों गुब्बारे छोड़कर दक्षिण कोरिया में कचरा और प्रोपेगेंडा पर्चे तक गिराए हैं।

दक्षिण कोरिया के संयुक्त प्रमुखों ने कहा है कि ये GPS सिग्नल में छेड़छाड़ पश्चिमी सीमा के पास केसोंग और हेजू शहरों से की गई है। इसके कारण दर्जनों नागरिक उड़ानें और जहाज प्रभावित हुए हैं।

दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया को सख्त चेतावनी दी है कि अगर इन उकसावे की गतिविधियों से कोई नुकसान हुआ, तो उत्तर कोरिया को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

और ये सिर्फ शुरुआत नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया की ऐसी हरकतों से दक्षिण कोरिया के इंचेऑन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी खतरा है, जो देश का मुख्य परिवहन द्वार है और उत्तर कोरिया से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है।

दोस्तों, सोचिए ज़रा, 2024 में सिर्फ कचरा उड़ाने वाले गुब्बारों की वजह से इस हवाई अड्डे के रनवे को 265 मिनट तक बंद करना पड़ा था! अगर उत्तर कोरिया इसी तरह से GPS सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करता रहा, तो भविष्य में और भी खतरनाक स्थिति हो सकती है।

किम जोंग उन की दक्षिण कोरिया की मौजूदा सरकार के प्रति बढ़ती नाराज़गी का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। उत्तर कोरिया ने ना सिर्फ दक्षिण के साथ बने पुराने सड़क और रेलवे संपर्क तोड़ दिए हैं, बल्कि नवंबर की शुरुआत में एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण भी किया है। ये कदम अमेरिका पर दबाव बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।

लेकिन उत्तर कोरिया के उकसावे यहीं खत्म नहीं होते। खबरें आ रही हैं कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग बढ़ता जा रहा है। इस सैन्य सहयोग से रूस को यूक्रेन में चल रहे युद्ध में मदद मिल रही है, और साथ ही उत्तर कोरिया को भी रूस से नई तकनीकी मदद मिलने की आशंका बढ़ रही है, जिससे किम के परमाणु कार्यक्रम को और मजबूती मिल सकती है।

तो दोस्तों, ये थी आज की बड़ी और महत्वपूर्ण खबरें। क्या उत्तर कोरिया के ये कदम केवल दक्षिण कोरिया तक सीमित रहेंगे या फिर पूरी दुनिया पर इसका असर होगा? ये देखना दिलचस्प होगा। हम आपके लिए ऐसी ही बड़ी खबरें लेकर आते रहेंगे, तो जुड़े रहिए हमारे साथ. तो ठीक

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