मायावती का राहुल गांधी पर तीखा हमला: वक्फ संशोधन बिल पर चुप्पी

मायावती का राहुल गांधी पर तीखा हमला: वक्फ संशोधन बिल पर चुप्पी

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने संसद में वक्फ संशोधन बिल पर हुई बहस के दौरान चुप्पी साध ली, जो सही नहीं है। इसके साथ ही मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर दलितों के हितों को नजरअंदाज करने और निजीकरण को बढ़ावा देने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए। आइए इस खबर को step-by-step समझते हैं।

वक्फ संशोधन बिल पर राहुल की चुप्पी से नाराज़ मायावती

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में राहुल गांधी से सवाल किया। उन्होंने लिखा, “विपक्ष ने वक्फ (संशोधन) बिल को संविधान के खिलाफ बताया और इसका जमकर विरोध किया। संसद में इस बिल पर लंबी बहस हुई, लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला। क्या यह ठीक है?” मायावती का मानना है कि राहुल गांधी को इस बिल पर अपनी बात रखनी चाहिए थी, क्योंकि यह एक बड़ा मुद्दा है।

इस बिल की वजह से मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है और इंडिया गठबंधन के सहयोगी भी नाखुश हैं। मायावती ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को कांग्रेस और भाजपा के “धोखे” को समझना चाहिए।

कांग्रेस और भाजपा ने दलितों के साथ किया धोखा

मायावती ने दोनों बड़ी पार्टियों – कांग्रेस और भाजपा – पर दलितों के हक छीनने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा, “इन पार्टियों ने आरक्षण को लगभग बेकार कर दिया है। दलितों को सरकारी नौकरियाँ, शिक्षा और कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। दोनों ही दलितों के साथ गलत कर रहे हैं।” उनका कहना है कि इन नीतियों से दलित समुदाय पिछड़ता जा रहा है, और सरकारें इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रही हैं।

मायावती ने बिजली और दूसरे क्षेत्रों में बढ़ते निजीकरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “संविधान के हिसाब से सरकार को जनता के कल्याण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही। निजीकरण की वजह से बहुजन समुदाय और गरीब लोग हाशिए पर जा रहे हैं।” उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जनता के हितों की रक्षा नहीं हुई, तो इसका बुरा नतीजा भुगतना पड़ सकता है।

वक्फ संशोधन बिल पर पहले भी उठाई थी आवाज़

इससे पहले, गुरुवार को मायावती ने केंद्र सरकार से इस नए वक्फ कानून को रोकने और इसकी समीक्षा करने की मांग की थी। उन्हें इस कानून में एक खास नियम से दिक्कत है, जिसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम लोग भी शामिल हो सकते हैं। मायावती ने कहा, “पहली नजर में यह ठीक नहीं लगता। सरकार को इस पर फिर से सोचना चाहिए।”

वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को मंजूरी दी थी। मंगलवार को केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया। लोकसभा में 288 सांसदों ने इसके पक्ष में और 232 ने खिलाफ वोट दिया। वहीं, राज्यसभा में 128 ने समर्थन किया और 95 ने विरोध किया।

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