ट्रंप के टैरिफ नहीं रुकेंगे, वैश्विक बाजार में हड़कंप

ट्रंप ने कहा- टैरिफ पर नहीं रुकेंगे, वैश्विक बाजार में हड़कंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को साफ-साफ कह दिया कि वो अपने टैरिफ (आयात कर) प्लान को रोकने वाले नहीं हैं। ट्रंप के टैरिफ ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हड़कंप मचा दिया है। लोगों को डर लग रहा है कि कहीं इससे वैश्विक मंदी न आ जाए। कई देश ट्रंप से बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन ट्रंप का कहना है कि वो तभी बात करेंगे, जब ये उनके देश की आर्थिक नीतियों के हिसाब से होगा।

टैरिफ क्या है? आसान शब्दों में समझें

टैरिफ का मतलब है आयात कर। यानी जब कोई दूसरा देश अमेरिका को सामान बेचता है, तो उस सामान पर अमेरिका टैक्स लगा देता है। इससे वो सामान महंगा हो जाता है और अमेरिका में बने सामान सस्ते लगते हैं। ट्रंप का मानना है कि इससे अमेरिका की कंपनियों को फायदा होगा, नौकरियां बढ़ेंगी और देश की कमाई भी बढ़ेगी। लेकिन बाकी देशों को ये बात पसंद नहीं आ रही। उन्हें लगता है कि इससे उनकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।

बाजार में उतार-चढ़ाव

पहले खबर आई थी कि अमेरिका अपने टैरिफ प्लान को 90 दिन के लिए टाल सकता है। इस खबर से शेयर बाजार में 3 प्रतिशत की तेजी आई थी। लोग खुश हो गए थे कि शायद ट्रंप अपना इरादा बदल लें। लेकिन व्हाइट हाउस ने साफ कर दिया कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला। इसके बाद बाजार फिर 4 प्रतिशत नीचे गिर गया। यानी बाजार में एक दिन में बहुत बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला।

ट्रंप का बयान- ‘टैरिफ बहुत जरूरी’

अमेरिका में अभी सभी देशों से आने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगा हुआ है। इसके अलावा कुछ खास देशों पर अलग-अलग टैरिफ बुधवार से शुरू होंगे। ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान कहा, “हम टैरिफ को टालने की नहीं सोच रहे। ये मेरे आर्थिक प्लान का बहुत जरूरी हिस्सा है।” नेतन्याहू इस खबर के बाद व्हाइट हाउस आने वाले पहले विदेशी नेता हैं।

ट्रंप ने आगे कहा, “टैरिफ से हमारा देश मजबूत बनेगा। मैं हर देश के साथ निष्पक्ष और अच्छे सौदे करना चाहता हूं।” उन्होंने ये भी बताया कि टैरिफ हमेशा रह सकते हैं, लेकिन बातचीत का रास्ता भी खुला है। जब उनसे पूछा गया कि क्या टैरिफ 10 प्रतिशत से कम हो सकता है, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया और बस इतना कहा, “टैरिफ से हमारा देश बहुत अमीर बनेगा।”

यूरोपीय संघ पर ट्रंप का हमला

ट्रंप ने यूरोपीय संघ (ईयू) पर भी जमकर निशाना साधा। ईयू ने ऑफर दिया था कि वो कारों और औद्योगिक सामानों पर टैरिफ को शून्य कर देगा। लेकिन ट्रंप को ये मंजूर नहीं। उनका कहना है कि ईयू के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। व्यापार घाटा यानी अमेरिका ईयू से जितना सामान खरीदता है, उससे कहीं कम बेचता है। ट्रंप के मुताबिक, ईयू के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 350 अरब डॉलर का है।

उन्होंने कहा, “ईयू सालों से सख्त रवैया अपनाए हुए है। मैं हमेशा कहता हूं कि ये अमेरिका को व्यापार में नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया था। वो एकजुट होकर अमेरिका के खिलाफ ताकत बनाना चाहते हैं।” ट्रंप का दावा है कि उनके टैरिफ प्लान से ये घाटा जल्दी खत्म हो जाएगा।

दुनिया की चिंता

दूसरे देशों को डर है कि ट्रंप के टैरिफ से उनकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। मिसाल के तौर पर, अगर भारत से अमेरिका को कोई सामान महंगा हो जाएगा, तो लोग उसे कम खरीदेंगे। इससे भारत की कंपनियों को नुकसान हो सकता है। कई देश चाहते हैं कि ट्रंप टैरिफ कम करें या हटा दें, लेकिन ट्रंप अपनी बात पर अड़े हुए हैं।

ट्रंप का कहना है कि वो अपने देश को पहले रखना चाहते हैं। उनके लिए अमेरिका की कंपनियां और लोग सबसे जरूरी हैं। लेकिन दुनिया के बाकी देशों को लगता है कि इससे सबको नुकसान होगा। बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव जारी है। लोग ट्रंप के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। क्या ट्रंप बातचीत से कोई रास्ता निकालेंगे या टैरिफ पर डटे रहेंगे? ये आने वाला वक्त ही बताएगा।

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